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उत्तराखंड राज्य के प्रत्येक गांव में दो-दो जलमित्र तैनात होंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर को नल से जल की उपलब्धता के साथ ही रोजगार की तरफ भी सरकार ध्यान दे रही है और रोजगार सृजन में भी जल जीवन मिशन भूमिका निभाएगा। इस कड़ी में आने वाले दिनों में उत्तराखंड के गांवों में पेयजल योजना की देखरेख और उसकी मरम्मत के लिए 30,000 से अधिक जलमित्र मोर्चा संभालेंगे और प्रत्येक गांव से दो-दो युवाओं का चयन कर उन्हें इसके लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। वही ग्राम पंचायत द्वारा लिए जाने वाले यूजर चार्ज से जल मित्रों के लिए मानदेय की व्यवस्था की जाएगी। जल जीवन मिशन के अंतर्गत राज्य के 15029 गांव के प्रत्येक घर को पेयजल उपलब्ध कराने के दृष्टिगत वर्ष 2019 से मुहिम चल रही है और इस मुहिम को पूरा करने का लक्ष्य अगले वर्ष मार्च तक रखा गया है। यह मिशन पूरा होने के बाद प्रत्येक गांव में पेयजल योजनाओं के रखरखाव की जिम्मेदारी जल मित्रों को सौंपी जाएगी। गांव में जल की उपलब्धता निरंतर बनी रहे और ग्रामीणों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े इसके लिए प्रत्येक गांव में दो व्यक्तियों का चयन कर उनकी तैनाती की जाएगी जो कि इस योजना को चलाएंगे और पानी की देखरेख करेंगे उन्हें जलमित्र नाम दिया जाएगा। इस मामले में सचिव पेयजल नितेश कुमार झा द्वारा बताया गया कि मिशन में आच्छादित गांवों में जल मित्रों के चयन की कार्यवाही पूर्ण कर उनके प्रशिक्षण की रूपरेखा तय की जाएगी और उन्हें इस संबंध में प्रशिक्षण दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों के 1000 छात्रों को इंटर्नशिप कराने के प्रस्ताव को भी केंद्र ने अनुमोदित कर दिया है।
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