
उत्तराखंड राज्य में राज्य विधानसभा में बैकडोर नियुक्तियों को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपना लिया है। बता दें कि हाईकोर्ट ने 4 सप्ताह के अंदर सरकार से जवाब मांगा है। इस मामले में देहरादून निवासी समाजसेवी अभिनव थापर द्वारा जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें आधार समाचार पत्रों में मीडिया में उजागर उत्तराखंड विधानसभा बैकडोर भर्ती में हुए भ्रष्टाचार व अनियमितता को बनाया गया है। बता दें कि इस याचिका में कहा गया है कि 2016 से हुई भर्तियों को सरकार ने जांच समिति बनाकर निरस्त कर दिया है किंतु घोटाला राज्य बनने से लेकर आज तक चल रहा था और अभी तक मंत्रियों ने चुप्पी साधी हुई है। बता दें कि याचिका में हाईकोर्ट के सीटिंग जज की निगरानी में जांच कराने की मांग की गई है।इस याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विजय नेगी ने बताया है कि विधानसभा बैकडोर नियुक्तियों में अनियमितता व भारी भ्रष्टाचार देखने को मिला है और कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के अंदर जवाब तलब किया है।
