Uttarakhand- वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए सरकार बना रही है प्लान….. युवाओं को भी घर बैठे मिलेगा रोजगार

देहरादून। राज्य में सरकार द्वारा वनाग्नि रोकने और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए नए प्लान बनाए जा रहे हैं इसके लिए सरकार स्थानीय लोगों की मदद भी लेगी।सरकार की इस योजना के लिए गांव स्तर पर प्राइमरी रिस्पांस टीम भी बनाई जाएगी यह निर्णय वन्यजीव बोर्ड की सातवीं बैठक में लिया गया है। दरअसल उत्तराखंड राज्य में पिछले 21 सालों में 144 बाघों की मौत हो चुकी है और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री ने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि इस संबंध में गाइडलाइन बनाई जाए। इस मामले में जानकारी देते हुए मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ पराग मधुकर धकाते ने बताया कि उत्तराखंड में 15000 से भी अधिक गांव हैं जिनमें वन्यजीवों के कारण बड़ी संख्या में फसलों को नुकसान पहुंच रहा है और कई लोगों को वन्यजीवों के हमले से जान भी गंवानी पड़ती है। गर्मियों में आग लगने के कारण कई हेक्टेयर तक जंगल जलकर तबाह हो जाते हैं और इन सब पर रोक लगाने के लिए ही गांव स्तर पर पीआरटी गठित की जाएगी।
इस योजना के पहले चरण में उन गांवों को चिन्हित किया जाएगा जो कि सबसे अधिक संवेदनशील है और यहां पर युवकों के लिए भी रोजगार रखे जाएंगे चार-पांच युवक जिन्हें घर पर ही रोजगार देने की व्यवस्था की जाएगी। इन युवकों को यहां पर तैनात किया जाएगा हालांकि अभी तक इनके लिए मानदेय तय नहीं हुआ है लेकिन इन्हें मानदेय के रूप में छह से सात हजार रुपए दिए जाएंगे।