Uttarakhand- धूमधाम से मनाई गई घी संक्रांति…… जानिए इस लोक पर्व का महत्व

उत्तराखंड राज्य में आज घी संक्रांति का त्यौहार मनाया गया। बता दें कि 17 अगस्त को घी संक्रांति पूरे प्रदेश में मनाई गई। इस संक्रांति को सिंह संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है और पितरों तथा देवताओं को इस दौरान फल और मौसमी सब्जियां चढ़ाई जाती है। भादो के आगमन पर खेती और पशुपालन से यह संक्रांति का त्योहार विशेष पर्व माना जाता है। बता दे कि उत्तराखंड में माह का प्रत्येक एक दिन यानी कि संक्रांति को लोक उत्सव के रूप में मनाने की प्रथा है। भाद्रपद मास की संक्रांति जो लोग काफी धूमधाम से मनाते हैं और इस त्यौहार में उड़द की दाल को पीसकर रोटियां भी बनाई जाती हैं और उन्हें घी के साथ खाया जाता है। मंदिरों में पूजा अर्चना कर फल ,सब्जी और पकवानों का भोग लगाया जाता है तथा इस त्यौहार में अच्छी फसल की कामना भी की जाती हैं और इस पर्व को लेकर यह किवदंती है कि इस दिन जो घी नहीं खाता उसे अगले जन्म में घोंगे की योनि प्राप्त होती है। माना जाता है कि ग्रहों के राजा सूर्य देव जब कर्क राशि से निकलकर अपनी राशि में प्रवेश करते हैं तो उस दिन यह संक्रांति मनाई जाती है।