
भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव और मॉक ड्रिल को देखते हुए दून में अब 15 नए इलेक्ट्रॉनिक सायरन लगाने की मंजूरी दे दी गई है। 1971 में भारत- पाकिस्तान युद्ध के दौरान खरीदे गए सायरन सिस्टम अब काफी जर्जर हालातो में है और ऐसे में भविष्य में किसी भी प्रकार की विषम परिस्थितियों के लिए शहर में नए इलेक्ट्रॉनिक सायरन लगाने की मंजूरी दे दी गई है। इन सायरन में से 10 सायरन 8 किलोमीटर दूरी की क्षमता वाले और पांच सायरन 16 किलोमीटर दूरी की क्षमता वाले होंगे। इन्हें पुलिस थानों में, चौकिया पर लगाया जाएगा तथा कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से सीधे जोड़ा जाएगा जहां से केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत सभी सायरन एक साथ बजेंगे। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में लोगों की सुरक्षा और आने वाली विषम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह सायरन लगाए जा रहे हैं इसके अलावा राजधानी देहरादून प्राकृतिक आपदा संभावित क्षेत्र है यहां आपदा काल में सतर्क रहने का संकेत देने के लिए सायरन की जरूरत पड़ती है मगर अब पुराने सायरन खराब हो चुके हैं। बीते 7 मई को माउंटेन के दौरान जब शहर वासियों ने सायरन की आवाज सुनने का प्रयास किया तो उनकी आवाज 1 किलोमीटर क्षेत्र में भी नहीं पहुंच पाई ऐसे में अब देहरादून में नए सायरन लगाए जा रहे हैं।
