Uttarakhand:- बनभूलपुरा मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला….. प्रभावितों के पुनर्वास को लेकर दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण के मामले में सुनवाई करते हुए बड़ा आदेश दिया गया है। रेलवे की जमीन पर हुए अतिक्रमण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वहां पर प्रभावितों के लिए पुनर्वास का इंतजाम किया जाए। बनभूमपुरा क्षेत्र के रेलवे लाइन के नजदीक अतिक्रमण के मामले में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के पास से 4365 घरों को हटाए जाने से प्रभावित लोगों के लिए पुनर्वास के आदेश दे दिए हैं और राज्य सरकार को आदेश देते हुए कहा है कि जो भी प्रभावित परिवार है उनके पुनर्वास के लिए जल्द से जल्द भूमि चिन्हित की जाए।

इस मामले में राज्य के मुख्य सचिव रेलवे प्रशासन और रेल मंत्रालय के साथ बैठक करें। सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे भूमि पर रहने वाले परिवारों के लिए पुनर्वास योजना लाने को कहा। दरअसल मामला यह है कि वर्ष 2013 में एक जनहित याचिका दायर करते हुए कहा गया था कि रेलवे स्टेशन के पास गौला नदी में अवैध खनन हो रहा है और अवैध खनन के कारण 2004 में नदी पर जो पुल बना था वह गिर गया। याचिका पर कोर्ट ने रेलवे से जवाब मांगा। रेलवे ने 1959 का नोटिफिकेशन, 1971 का रेवेन्यू रिकॉर्ड और 2017 का लैंड सर्वे दिखाकर कहा कि वह जमीन रेलवे की है इस पर अतिक्रमण किया गया है। हाई कोर्ट में यह साबित भी हो गई कि वह जमीन रेलवे की है इसके बाद यह जमीन खाली करने के आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख प्रभावितों द्वारा किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने इन लोगों का भी पक्ष सुनने के लिए कहा और लंबी सुनवाई के बाद इलाके में अतिक्रमण की बात मान ली गई है इसके बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर को हल्द्वानी में रेलवे की भूमि से अतिक्रमण की बात मानते हुए उसे हटाने का आदेश दिया और अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदेश दिया गया है कि अतिक्रमण में प्रभावित परिवारों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था की जाए।