सदन में ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड

विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन शनिवार को आजादी के अमृत महोत्सव पर हुई चर्चा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए| उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन गया जहां सदन में आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर बातचीत हुई है|
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि आजादी के आंदोलन में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी रही, लेकिन अनेक स्वतंत्रता सेनानी ऐसे हैं जिनका नाम इतिहास के पन्नों में नहीं लिखा गया है, आजादी के अमृत महोत्सव में उन्हें भी याद करना आवश्यक है| ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में आने वाली पीढ़ी को अवगत कराना चाहिए| उन्होंने इतिहास की चूक को रेखाअंकित करते हुए कहा स्वतंत्रता सेनानी सबकी धरोहर है| साथ ही उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में उत्तराखंड के योगदान को भी याद किया|


इस दौरान मांग उठाई गई कि, (1) आजादी की लड़ाई में उत्तराखंड के योगदान से संबंधित दस्तावेज तैयार करने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाए|


(2) स्वतंत्रता सेनानियों को भूमि उपलब्ध कराने के लिए पूर्व से जारी शासनादेश पुनर्जीवित हो|


(3) नेहरू युवा केंद्र के माध्यम से आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर वर्चुअल संगोष्ठीया हो|


(4) प्रत्येक जिले में व्याख्यानमाला के माध्यम से स्वतंत्रता सेनानियों के व्यक्तित्व, कृतित्व की जानकारी दी जाए|


इस दौरान सदन में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने अमृत महोत्सव के विषय पर प्रकाश डाला| कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत, सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, बिशन सिंह चुफाल, अरविंद पांडे, विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, विधायक मदन कौशल, मुन्ना सिंह चौहान, केदार सिंह रावत, महेंद्र भट्ट, सुरेश राठौड़, सौरभ बहुगुणा आदि ने भाग लिया|