उत्तराखंड राज्य के चंपावत से एक ऐसा मामला सामने आ रहा है जहां पर बुजुर्ग दंपति ने 1 घंटे तक तेंदुए के साथ संघर्ष किया और अपने परिवार की जान बचाई। घायल बुजुर्ग लाल सिंह बोहरा अपनी पत्नी चंद्रा देवी दुरस्थ धूरा के चौड़ाकोट से उप जिला अस्पताल पहुंचे और वहां उन्होंने इलाज कराया। टनकपुर में यह खबर सामने आई है कि उन्होंने करीब 1 घंटे तक तेंदुए से संघर्ष किया बीते बृहस्पतिवार को करीब 17 घंटे तक घर में तेंदुआ घूम रहा था।
बूम रेंजर गुलजार हुसैन के अनुसार सुबह 4:00 बजे से रात 9:00 बजे तक तेंदुआ घर के अंदर रहा रात 9:00 बजे मुख्य दरवाजे पर पिंजरे के ऊपर लगे पट्टे को तोड़कर तेंदुआ बाहर निकला आवाज आते ही अंदर देखा तो तेंदुआ नहीं था इसके बाद परिजनों को अंदर जाने दिया गया और दूसरे दिन शुक्रवार को ग्रामीण नाथ सिंह अपने बुजुर्ग पिता लाल सिंह और मां चंद्रा देवी को अस्पताल लेकर पहुंचे जहां उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई। उनका कहना था कि सुबह 4:00 बजे जब वह शौच के लिए बाहर गए तो उनके साथ पालतू कुत्ता भी बाहर आ गया और अंदर आने लगे तो कुत्ते के पीछे तेंदुआ आ गया तेंदुए ने पहले आधे घंटे तक उन पर हमले का प्रयास किया और इधर-उधर कूदता रहा उसके बाद वह उनकी पत्नी पर हमला करने लगा तो उन्होंने खुद को रजाई में लपेट लिया करीब 1 घंटे के बाद घर के ऊपरी मंजिल में गया और तब अंदर से पुत्री लीलावती पोती अंकिता को बाहर निकाला और मेन गेट बंद कर दिया । उनका पुत्र नाथ सिंह घटना के समय दूसरे गांव बयाल गया था और बुजुर्ग दंपति ने काफी साहस के साथ खुद को अपनी पुत्री और पोती को बचा लिया।