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देहरादून। उत्तराखंड राज्य में यूं तो सरकार द्वारा बालिकाओं की शिक्षा के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है मगर फिर भी उत्तराखंड में बेटियों तथा महिलाओं के शिक्षा का स्तर नहीं सुधर पा रहा है यदि हम यथार्थ की बात करें तो राज्य में 53 फ़ीसदी महिलाओं ने दसवीं से पहले ही स्कूल छोड़ दिया और राज्य में जिन महिलाओं ने सेकेंडरी एजुकेशन यानी कि माध्यमिक शिक्षक सफलतापूर्वक पूरी की है उनकी संख्या भी 47% ही है। बता दें कि शिक्षा के इस मामले में तमिलनाडु, केरल, हिमाचल और असम जैसे राज्य उत्तराखंड से काफी आगे चल रहे हैं। उत्तराखंड में महिलाओं की शिक्षा के इस स्तर का खुलासा राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की श्रम बल सर्वेक्षण रिपोर्ट में हुआ है एनएसओ की यह रिपोर्ट देशभर के 6930 गांव में और 5632 ब्लॉकों का सर्वे करने के बाद तैयार की गई है। रिपोर्ट तैयार करने से पहले 100344 घरों में रहने वाले 25 साल से अधिक उम्र के 209645 पुरुष और 201086 महिलाओं से बातचीत की गई और उसी के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई हैं।बता दें कि उत्तराखंड में केवल 47.2% ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने कम से कम सेकेंडरी एजुकेशन तक की शिक्षा ली है और बाकी 53% महिलाओं ने अभी भी 12 वी की परीक्षा देने का प्रयास नहीं किया और ना ही उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लिया।
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