
एक किसान जिसने अपनी सारी मेहनत सारा पैसा फसल उगाने के लिए लगा दिया हो उसे अगर अपनी ही फसल पर ट्रैक्टर चलाना पड़ जाए तो सोचिए उस पर क्या बीतेगी। जी हां उत्तराखंड राज्य की राजधानी देहरादून में भी 7 किसानों ने एक साथ अपनी खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया। फसल को नष्ट करते समय उनकी आंखों में आंसू थे लेकिन फिर भी उन्हें यह करना पड़ा। दरअसल हुआ यह कि इस बार धान की फसल में रोग लगने के चलते देहरादून के प्रतीतपुर गांव में 7 किसानों ने अपनी फसलों पर ट्रैक्टर चला दिया फसल में रोग लगने से भीमावाला में भी किसान पहले अपनी फसल को ट्रैक्टर से नष्ट कर चुके हैं जिसके बाद अब प्रतीतपुर गांव में 7 किसानों ने अपनी फसल नष्ट कर दी इस दौरान किसानों ने कृषि अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी भी व्यक्ति की है क्योंकि अधिकारियों ने समय रहते ही धान की फसल बचाने हेतु कोई प्रयास नहीं किए। इस बार हाइब्रिड धान की फसल में रोग का प्रकोप काफी अधिक है और इसी प्रकोप के चलते पछुवादून में धान की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। यहां धान की फसल बौनी ही रह गई तथा रोग के कारण पीले पड़ गई जबकि अन्य प्रजाति वाले धान में बालियां भी आ गई हैं लेकिन हाइब्रिड धान की फसल खराब हो चुकी है इसलिए किसानों ने अपनी साल भर की मेहनत पर ट्रैक्टर चला दिया।
धान की फसल को नष्ट करने वाले किसानों में प्रतीतपुर गांव के पूर्व प्रधान रमेश चंद्र सैनी, संदीप कुमार, रवि कुमार समेत कई लोग शामिल थे तथा इन लोगों ने सरकार से मुआवजे की मांग भी करी है। किसानों का कहना है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कई बार किसानों के हित में घोषणा की गई हैं उनके द्वारा कहा गया है कि वह किसानों के लिए कल्याणकारी योजना बना रहे हैं मगर फिर भी किसानों की हालत बेहद खराब है। किसान आज सबसे अधिक कष्टकारी जीवन जी रहा है तथा अपना खून, पसीना बहा कर फसल तैयार कर रहा है। पूर्व प्रधान रमेश सैनी का कहना है कि उनके साथ पूरे गांव के 7 किसानों ने अपनी धान की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया है और उन्होंने खुद अपनी 18 बीघा धान की खराब हुई फसल को ट्रैक्टर से नष्ट किया है। उनका कहना है कि जब वह ट्रैक्टर चला रहे थे तो उनकी आंखों में आंसू थे क्योंकि वे अपनी आजीविका के साधन को नष्ट कर रहे थे।
