वार्ता के बाद बेरोजगार युवाओं का आंदोलन खत्म, देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून उत्तराखंड में लागू

देहरादून| सीएम धामी से बेरोजगार संघ की वार्ता के बाद बेरोजगार युवाओं का आंदोलन बंद हो गया है|


बेरोजगार संघ की सभी मांगों पर गंभीरता से विचार करने के बाद सरकार ने पटवारी भर्ती पेपर की एसआईटी जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में कराएं जाने का फैसला लिया| साथ ही राज्यपाल ने नकल विरोधी कानून के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है| अब यह कानून पूरे प्रदेश में लागू होगा|


आज सुबह सीएम से वार्ता के बाद आंदोलन को खत्म कर दिया गया है|
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम धामी ने कहा कि बेरोजगार संगठन के प्रतिनिधि मंडल के साथ वार्ता हुई है| वार्ता सकारात्मक रही, हमारी सरकार निष्पक्ष, नकल विहीन और पारदर्शी परीक्षा कराने के लिए प्रतिबद्ध है| उत्तराखंड में देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू हो गया है| कल होने वाली पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा को शांतिपूर्ण निष्पक्ष और नकल विहीन कराने के लिए समस्त तैयारियां पूर्ण कर ली गई है|


सीएम धामी ने कल होने वाली परीक्षा में सम्मिलित सभी अभ्यर्थियों के उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी है|
बता दें कि कल 12 फरवरी को होने जा रही परीक्षा व अन्य सभी होने वाली परीक्षाएं नए कानून के तहत ही आयोजित होंगी|
देर शाम जारी बयान में सरकार ने कहा है कि बेरोजगार संघ की मांगों पर सहमति बन गई है| सरकार ने कहा सीबीआई जांच की मांग उत्तराखंड हाईकोर्ट अस्वीकार कर चुका है| हाईकोर्ट का कहना है कि जांच सही दिशा में चल रही है इसलिए इस प्रकरण की सीबीआई जांच नहीं कराई जा सकती| आंदोलनकारी युवाओं की मांग पर पटवारी भर्ती का प्रश्न पत्र बदला जाए, इसके अलावा नकल विरोधी कानून भी लागू हो गया है और परीक्षा नियंत्रक को भी हटाया जा चुका है| इस कारण अब आंदोलन का कोई औचित्य नहीं है|