
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार एवं राज्य स्वच्छ गंगा मिशन, नमामि गंगे उत्तराखण्ड के संयुक्त तत्वावधान में प्रदेश भर में योग शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत एक नई पहल की गई है, जिसमें योग शिविरों के साथ-साथ मंदिरों और मठों में वेद, पुराणों और नदी सभ्यता पर आधारित विशेष संवाद आयोजित किए जा रहे हैं।
इसी क्रम में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के योग विज्ञान विभाग द्वारा दिनांक 21 मई से 21 जून तक “निःशुल्क योग शिविर – आओ हम सब योग करें” अभियान के अंतर्गत विविध योग सत्र एवं वैदिक संवादों का सफल आयोजन किया जा रहा है। इस समग्र अभियान का संचालन योग विभागाध्यक्ष डॉ. नवीन भट्ट के संरक्षण में किया जा रहा है।
डॉ. भट्ट ने बताया कि “गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, सभ्यता और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है। इस अभियान का उद्देश्य योग के माध्यम से न केवल शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करना है, बल्कि गंगा जैसी नदियों की सांस्कृतिक और वैदिक महत्ता को समाज तक पहुँचाना भी है।”
अभियान के अंतर्गत प्रतिदिन प्रातःकालीन योग सत्रों का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें विद्यार्थियों, शिक्षकों, शोधार्थियों के साथ-साथ स्थानीय जनसामान्य की सक्रिय भागीदारी देखी जा रही है। साथ ही, गंगा नदी से संबंधित वेदों, उपनिषदों और पुराणों में वर्णित महत्व पर विषय विशेषज्ञों द्वारा विशेष व्याख्यान दिए जा रहे हैं। इन संवादों में गंगा की आध्यात्मिक भूमिका, पर्यावरणीय संरक्षण और नदी संस्कृति की रक्षा हेतु प्रेरणा प्रदान की जा रही है।
योग विज्ञान विभाग, एसएसजे विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा द्वारा किया गया यह प्रयास योग और संस्कृति के समन्वय का जीवंत उदाहरण बनकर उभर रहा है, जो समाज को न केवल स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा दे रहा है, बल्कि अपने सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ने का कार्य भी कर रहा है।
