पिथौरागढ़। पिछले 12 दिनों से दो सूत्रीय मांगों को लेकर एनएचएम कर्मियों की हड़ताल चल रही है जिसके कारण एनएचएम कर्मियों की हड़ताल का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। एनएचएम कर्मियों के हड़ताल पर जाने के कारण लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल के कारण सीमांत क्षेत्रों में सारी व्यवस्था गड़बड़ा गई है। एनएचएम कर्मियों पर स्थानीय गांव के लोगों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी भी थी मगर उनके हड़ताल पर जाने से थोड़ी- थोड़ी तबीयत बिगड़ने पर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। कर्मचारियों की हड़ताल से वैक्सीनेशन, कोविड सैंपलिंग, तथा डाटा एंट्री का कार्य भी अटका पड़ा है।
आज यानी कि शनिवार के दिन एनएचएम कर्मचारियों ने लगातार 12वें दिन कार्य बहिष्कार किया है। कर्मचारियों ने टकाना स्थित रामलीला मैदान में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की तथा उनका कहना था कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी वह कार्य बहिष्कार करते रहेंगे। मगर कर्मचारियों की हड़ताल के कारण स्थानीय लोगों के कई कार्य अटके पड़े हैं ना सिर्फ स्वास्थ्य बल्कि लोगों को जन्म- मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए भी अटका पड़ा रहना पड़ रहा है। दरअसल मुनस्यारी, डीडीहाट, धारचूला के अस्पतालों में ज्यादा से ज्यादा एनएचएम कर्मचारी तैनात है जिनके हड़ताल पर जाने के कारण लोगों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल में जिला अध्यक्ष चंदन पवार, मोहित पंत, योगेश भट्ट, हिमांशु पांडे, प्रेमा जोशी, ममता खड़ायत आदि शामिल रहे।