बीते 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में सीएसडी जनरल बिपिन सिंह रावत के हेलीकॉप्टर क्रैश होने की वजह से उनके साथ उनकी पत्नी और 12 अन्य सैनिको की मौत हो गई। जिसके बाद इस हादसे की जांच करने के बाद एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता वाली ट्राई सर्विसेज जांच टीम आज दिनांक 5 जनवरी 2022 को बुधवार के दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इस मामले का विवरण देंगी । सूत्रों के मुताबिक पता चला है, कि सीडीएस जनरल बिपिन सिंह रावत का हेलीकॉप्टर क्रैश होने की वजह घने बादल थे। दरअसल उनका हेलीकॉप्टर घने बादलों के बीच से जाकर चट्टान से टकरा गया जिसके बाद यह दुखद हादसा हुआ।
रक्षा सूत्रों का कहना है कि एमआइ -17 वी 5 हेलीकॉप्टर बादलों के बीच घुसने के बाद रेलवे लाइन पर नजर रखते हुए पहाड़ों पर उड़ान भर रहा था तथा हेलीकॉप्टर काफी कम ऊंचाई पर था। जिसके बाद हेलीकॉप्टर के चालक दल ने लैंड नहीं किया बल्कि बादलों को पार करने का फैसला लिया और इसी दौरान हेलीकॉप्टर चट्टान से टकरा गया। हेलीकॉप्टर के चालक दल में सभी सदस्य मास्टर ग्रीन श्रेणी के थे जिस कारण उन्हें विश्वास था कि वह ऐसे स्थिति को पार कर जाएंगे मगर ऐसा हुआ नहीं । दरअसल हेलीकॉप्टर को मास्टर ग्रीन श्रेणी के सर्वश्रेष्ठ पायलट उड़ा रहे थे जिस कारण उन्हें विश्वास था कि वह कम दृश्यता में भी लैंड कर सकेंगे या फिर उड़ान भर सकते हैं।
तथा इस हादसे के बाद ट्राई सर्विसेज जांच टीम ने यह सिफारिश की है कि जो हेलीकॉप्टर वरिष्ठ सैन्य अधिकारियो को ले जाते हैं उनकी संचालन प्रक्रिया में कुछ संशोधन किया जाए। तथा उनमें मास्टर ग्रीन और अन्य श्रेणियों के पायलटो का मिश्रण भी किया जाना चाहिए ताकि यदि भविष्य में कभी जरूरत पड़े तो वह ग्राउंड स्टेशनों से मदद मांग सके।