
अपने विधानमंडल दल की फूट के बाद उद्धव ठाकरे ने जब राष्ट्रपति चुनाव में राजग के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया तो खबरें फैलने लगीं की द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दबाव में आकर दिया जा रहा है| इस पर उद्धव ठाकरे ने सफाई भी दे डाली कि प्रसार माध्यमों द्वारा फैलाई गई इस बात में कोई दम नहीं है| वही संजय राउत ने भी पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि द्रोपति मुर्मू को समर्थन का मतलब भाजपा को समर्थन करना बिल्कुल नहीं है| द्रौपदी मुर्मू एक आदिवासी महिला है| इसके अलावा जन भावना भी उनके साथ है| उद्धव ने राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना के कुछ पुराने नियमों का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य का एक घटक दल होने के बावजूद उनके पिता बालासाहब ठाकरे ने देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनने जा रही प्रतिभा पाटिल को एवं इस पद के लिए एक योग्य व्यक्ति होने के कारण प्रणब मुखर्जी को समर्थन किया था| इसी प्रकार अब वह राजग का हिस्सा ना होते हुए भी देश के हित में एक आदिवासी महिला द्रोपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला किया| ठाकरे के मुताबिक, महाराष्ट्र के आदिवासी समुदाय की ओर से भी उन्हें पत्र लिखकर द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने का आग्रह किया गया था|
