अब उत्तराखंड के सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में रसोई गैस सिलिंडर खत्म होने पर लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा| राज्य सरकार मिनी गैस एजेंसी के माध्यम से इस कमी को दूर करने वाली है| मिनी गैस एजेंसी का संचालन स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के द्वारा किया जाएगा| इन्हें ईंधन सखी नाम दिया गया है|
बता दें, पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चार जिलों में यह योजना शुरू हो चुकी है| इसके लिए सरकार ने एचपी कंपनी से करार किया है|
प्रदेश में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना शुरू होने के बाद घर-घर गैस-सिलिंडर तो पहुंच गया है, लेकिन खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में अभी सिलिंडर रिफिल करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है या फिर कई किमी दूर जाना पड़ता है| इस समस्या से निजात पाने के लिए ग्राम्य विकास विभाग ने मिनी गैस एजेंसी योजना की शुरुआत की है|
जिसके तहत एचपी कंपनी की ओर से महिलाओं को मिनी गैस एजेंसी संचालक की ट्रेनिंग दी जाएगी| अभी तक उत्तरकाशी की 40, टिहरी की 16 और हरिद्वार की पांच महिलाओं सहित कुल 61 ईंधन सखी तैयार हो चुकी है| आने वाले दिनों में अन्य तेल कंपनियों से भी इस तरह के करार किए जाएंगे|