सुप्रीम कोर्ट ने आज दिनांक 1 सितंबर 2023 को शुक्रवार के दिन बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि अमान्य विवाह के बच्चों को भी माता-पिता की संपत्ति में हक मिल सकता है। कोर्ट का कहना है कि अब अमान्य विवाह के बच्चे हिंदू कानून के तहत माता-पिता की संपत्ति में अपने अधिकार का दावा कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक हिंदू कानून के अनुसार शून्य या अमान्य विवाह में पुरुष और महिला को पति-पत्नी का दर्जा नहीं मिलता है हालांकि शुन्यीकरण विवाह में उन्हें पति-पत्नी का दर्जा प्राप्त है।
शून्य विवाह में विवाह को रद्द करने के लिए शून्यता को किसी डिक्री की जरूरत नहीं होती और शून्य विवाह एक ऐसा विवाह है जो शुरुआत से ही अमान्य है जो कि अस्तित्व में नहीं आया लेकिन कोर्ट ने 2011 की याचिका पर फैसला सुनाया है। 2011 की याचिका इस जटिल कानूनी मुद्दे से संबंधित थी कि क्या गैर वैवाहिक बच्चे हिंदू कानून के तहत अपने माता-पिता की पैतृक संपत्ति में हिस्सेदारी के हकदार हैं या नहीं। इस संबंध में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अमान्य विवाह के बच्चों को भी माता-पिता की संपत्ति में हिस्सा मिल सकता है।