“आओ हम सब योग करें” बना जनआंदोलन – अल्मोड़ा में हर गांव, हर विद्यालय तक गूंजा ‘स्वस्थ भारत’ का मंत्र

“आओ हम सब योग करें” अभियान ने अल्मोड़ा जनपद में जनांदोलन का रूप ले लिया है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन एवं राज्य स्वच्छ गंगा मिशन (नमामि गंगे), भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के योग विज्ञान विभाग द्वारा संचालित इस जनजागरूकता अभियान में आज गांव-गांव, विद्यालय-विद्यालय तक योग की गूंज सुनाई दे रही है।
संपूर्ण समाज में योग का उत्सव
शहर से लेकर दूरस्थ गांवों तक, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर आयु वर्ग के लोग इस अभियान से जुड़कर योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना चुके हैं। डॉ. नवीन भट्ट, विभागाध्यक्ष, योग विज्ञान विभाग के नेतृत्व में 300 से अधिक स्थलों पर प्रतिदिन निःशुल्क योगाभ्यास कराया जा रहा है।
प्रमुख आयोजन स्थल:
ग्रीन फील्ड स्कूल, स्पिन डेल्स, जीआईसी लोहाघाट, डी. डी. यू . खत्याड़ी, सिमकिनी मैदान सहित अनेक विद्यालय, कॉलेज और सार्वजनिक स्थलों पर जनसामान्य को जोड़ने का यह प्रयास ऐतिहासिक बनता जा रहा है।
मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश में सशक्त अभियान डॉ. नवीन भट्ट ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी के ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ दृष्टिकोण के अंतर्गत, यह अभियान 21 मई से 21 जून तक व्यापक स्तर पर आयोजित किया जा रहा है।
योग, वेद और गंगा संस्कृति का संगम यह केवल योगासन नहीं, अपितु आत्मिक उन्नति का अभियान है – जहाँ वेद, उपनिषद, आयुर्वेद और गीता के ज्ञान को भी जनमानस तक पहुँचाया जा रहा है। वैदिक संवाद, समूह भजन, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और लघुनाटिकाएँ इस अभियान को और भी प्रभावशाली बना रहे हैं।
योग से परिवर्तन की मिसाल:
मानसिक तनाव में कमी,
एकाग्रता और पाचन में सुधार,
मोबाइल-डिजिटल व्यसन से दूरी, सेवा, अनुशासन और सामाजिक जुड़ाव में वृद्धि।
नमामि गंगे – आत्मा और समाज की शुद्धि का माध्यम
इस योग अभियान का विशेष उद्देश्य केवल तन की शुद्धि नहीं, गंगा और हमारी आत्मा की शुद्धता को एक सूत्र में पिरोना है। योग और गंगा – भारतीय संस्कृति की ऐसी दो धाराएँ हैं जो आज जनसामान्य के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ला रही हैं।
21 जून – अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर ऐतिहासिक आयोजन
इस अभियान का समापन 21 जून को भव्य सामूहिक योग प्रदर्शन, गंगा पूजन, जन संवाद और संस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ होगा। यह आयोजन न केवल अल्मोड़ा, बल्कि उत्तराखंड की नई पहचान बनेगा।
“योग से राष्ट्र निर्माण की ओर”
“आओ हम सब योग करें” आज अल्मोड़ा की धरती से उठी वह आवाज बन चुकी है, जो संस्कार, स्वास्थ्य और संस्कृति के समन्वय से नवभारत के निर्माण की नींव रख रही है।

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