8 नवंबर 2016 को नोटबंदी का ऐलान हुआ था| जिसमें 500 और 1000 के नोटो को चलन से बाहर किया गया था| जिस कारण काफी लंबे समय तक देश में अफरा-तफरी मची हुई थी| लोगों को पुराने नोट बदलने के लिए बैंक में लंबी-लंबी लाइनों पर इंतजार करना पड़ रहा था| कहां जा रहा था इससे काला धन समाप्त होगा और नकदी का चलन कम होगा|
आंकड़ों पर गौर किया जाए तो नोटबंदी के 5 साल बाद भी देश में करेंसी नोटों का चलन बढ़ते ही जा रहा है लेकिन इसके साथ ही डिजिटल पेमेंट भी लगातार बढ़ता जा रहा है| लोग कैशलेस पेमेंट को ज्यादा पसंद कर रहे हैं|
रिजर्व बैंक के आंकड़े के मुताबिक कहां जा रहा है नोटबंदी से पहले 4 नवंबर को देश में चलन में रहने वाले कुल नोटों का मूल्य 17.74 लाख करोड़ रुपये था| लेकिन यह बढ़ते हुए इस वर्ष 29 अक्टूबर को 29.17 लाख करोड़ रुपये हो गई| यानी नोटबंदी के बाद से लेकर अब तक वैल्यू के लिहाज से नोट के सर्कुलेशन में लगभग 64 फ़ीसदी की बढ़त हुई है|
रिजर्व बैंक की 2018 में अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि नोटबंदी के बाद करीब 99 फ़ीसदी करेंसी सिस्टम में वापस आई| एक न्यूज़ एजेंसी के अनुसार कहा गया की इस दौरान देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन में भी बढ़त हुई| क्रेडिट डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफ़ेस सभी तरीकों से डिजिटल पेमेंट बढ़ा है|