किशोर उपाध्याय की फिर छलकी पीड़ा, मुझसे बिना पूछे बना दिया दिनेश धनै को मंत्री

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं टिहरी विधानसभा से 2002 एवं 2007 में विधायक रहे किशोर उपाध्याय ने अपनी एक फेसबुक पोस्ट के माध्यम से अपना दर्द बयां किया है, उन्होंने हरीश रावत सरकार बनाने में अपनी भूमिका बताते हुए कहा कि 2012 में महज 377 वोटों से चुनाव हारने के बाद लोग बिस्तर पकड़ लेते हैं लेकिन मैं पूरी ताकत से कांग्रेस की सरकार बनाने में जुट गया, बसपा विधायकों से संपर्क किया, निर्दलीय विधायकों को अपने साथ जोड़ा क्योंकि मेरी इच्छा थी कि हरीश रावत जी को एक बार मुख्यमंत्री बनना चाहिए।

किशोर उपाध्याय ने कहा कि बावजूद इसके सरकार बनने का सबसे बड़ा नुकसान उन्हें ही हुआ जब जब वह अपनी विधानसभा में सक्रिय होते तब तब दिल्ली से निर्देश आता कि कांग्रेस की सरकार निर्दलीयों के सहारे टिकी है और फिर मैं निष्क्रिय हो जाता, जब हरीश रावत जी के मुख्यमंत्री बनने की बात चल रही थी तो टिहरी के विधायक का समर्थन भी आवश्यक हो गया था जिसके लिए मैंने सैक्रिफाइस किया और टिहरी के विधायक का समर्थन जुटाया, बावजूद इसके हरीश रावत जी ने जब टिहरी विधायक को मंत्री बनाया तो उस पर भी मेरी राय नहीं ली गई आप समझ सकते हैं मेरी क्या मनोदशा रही होगी।

इन दिनों हरीश रावत और किशोर उपाध्याय के एक दूसरे को लेकर किए जा रहे सोशल मीडिया पोस्ट दिनोंदिन चर्चा एवं सुर्खियां बटोर रहे हैं।