
आज तेल की कीमतों में और अधिक गिरावट देखी गई जो 2 सप्ताह के निचले स्तर पर आ रही थी| बताते चलें कि रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत के कारण युद्ध की स्थिति सुधरने की संभावना जगी है| जिससे आपूर्ति बाधित होने की आशंका कम हो रही है| इसके साथ ही चीन में कोरोनावायरस में वृद्धि ने तेल की मांग कम होने की चिंताओं को हवा दे दी थी| सत्र में ब्रेंट फ्यूचर्स पहले 6 डॉलर से ज्यादा की गिरावट के साथ 100.05 डॉलर पर था, जो बाद में 4.7 $4 या 4.4 फ़ीसदी गिरकर 102.16 प्रति बैरल हो गया| गौरतलब है कि चीन में मंगलवार को कोरोना मामलों में उछाल देखा गया है| 1 दिन पहले के मुकाबले दोगुने नए मामले सामने आए हैं जो 2 साल का उच्च स्तर है देखा जा रहा है| कि देश के उत्तर-पूर्व में वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है| इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए तेल की आपूर्ति ठप होने की उम्मीद जताई जा रही हैं, जिस कारण तेल महंगा हो रहा है| इंडियन ऑयल ने सोमवार को वायटोल के साथ तीन मिलियन बैरल रूसी तेल का सौदा किया है जिसकी आपूर्ति मई में की जाएगी जानकारी के अनुसार फरवरी में यूरोप पर रूसी हमले के बाद यह पहला सौदा है यह सौदा ऐसे समय पर किया गया है जब अमेरिका ने रूसी तेल आयात को बैन कर दिया और यूरोपीय देश भी ऐसा करने पर विचार कर रहे हैं|
