कोविडकाल या फिर आपदा के दौरान या अन्य कारणों से अनाथ हुए बच्चों को नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट दिल्ली का सहारा मिला। बाल कल्याण समिति और बाल निकेतन से बीते गुरुवार को 7 बालिकाओं को दिल्ली भेजा गया है। इंस्टिट्यूट का कहना है कि उन्होंने बेसहारा बच्चों को गोद लेने की पहल शुरू की है इस इंस्टीट्यूट के अंतर्गत वह बच्चों को उनके रूचि के अनुसार हर काम में प्रशिक्षण प्रदान करेंगे जिससे भविष्य में बेसहारा बच्चों को रोजगार मिल पाएगा व रोजगार के बदले उन्हें उचित मानदेय भी दिया जाएगा।
इंस्टीट्यूट के सीईओ व हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ओपी यादव द्वारा बताया गया है कि उनके इंस्टीट्यूट ने कोविडकाल में अनाथ हुए बच्चो और अन्य कारणों से अपने माता पिता से बिछड़े बच्चों को सहारा देने के लिए एक छोटा सा प्रयास किया है उन्होंने कहा कि आगामी परीक्षाओं के बाद वे और अधिक बच्चों को दिल्ली इंस्टिट्यूट में बुलाएंगे। इस मामले में बाल संरक्षण अधिकारी राजीव नयन तिवारी ने बताया है कि वह खुद बाल विकास अधिकारी के साथ इंस्टीट्यूट की सुविधाओं का निरीक्षण करने गए थे। तथा सभी सुविधाओं को जांचने परखने के बाद ही उन्होंने बालिकाओं को दिल्ली भेजा है उन्होंने कहा कि पहले चरण में 7 बालिकाओं का चयन हुआ है तथा इंस्टीट्यूट द्वारा आगामी समय में और भी बच्चों का चयन किया जाएगा।