वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन -: पूर्व मुख्यमंत्री ने लगाया उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों की उपेक्षा का आरोप, लेकिन प्रधानमंत्री के इस आईडिया की सराहना

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन में उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों की उपेक्षा का आरोप लगाया है| इस मामले में उन्होंने कहा है कि इस पूरे आयोजन में हम पहाड़ी व्यंजनों को बड़े फलक पर प्रस्तुत कर सकते थे, लेकिन हमने यह मौका खो दिया| पूरे आयोजन में हमारे केवल दो ही उत्पाद मंडुवा और झंगोरा ही कहीं किनारे दुबके हुए नजर आए|


कहा कि अच्छा होता इस आयोजन में केवल विशुद्ध उत्तराखंडी व्यंजन परोसे जाते| इसमें हरिद्वार का चावल, बुरा-घी और धुले मास की दाल सहित विभिन्न तमाम उत्पादों को शामिल किया जाता| स्वीट डिश में उत्तराखंडी जैविक गुड के साथ अरसा, बाल मिठाई, सिंगोड़ी और डीडीहाट का खैंचुआ, आगरा खाल की रबड़ी को स्थान मिलता|


कहां, आतिथ्य सत्कार के एक भव्य समारोह में हमारे लिए अवसर था| हम अपने व्यंजन, आभूषण, संस्कृति, कला, हस्तशिल्प को प्रदर्शित करते| व्यंजन व्यवसाय उत्तराखंड में एक बड़ा सेक्टर बन सकता है, इसमें रोजगार और आर्थिक समृद्धि दोनों देने की बड़ी क्षमता है|
साथ ही उन्होंने पीएम मोदी के वेड इन इंडिया के आइडिया को सहारा है| उन्होंने इस मामले में कहा कि आइडिया फील गुड का आभास कराता है| पिछले कुछ वर्षों में बहुत सारे औद्योगिक घराने अपना निवेश भारत से बाहर कर रहे हैं| पीएम मोदी ने उन्हें भी यह संदेश दिया है कि इन्वेस्ट इन इंडिया|


उन्होंने पीएम मोदी के लोकल-वोकल से ग्लोबल को भी सशक्त मंत्र बताया| साथ ही उन्होंने हाउस आफ हिमालयाज ब्रांड नाम दिए जाने को लेकर सीएम धामी की भी सराहना की| उन्होंने कहा कि हिमालय से बड़ा दुनिया में कोई बड़ा ब्रांड नहीं है|
रावत ने कहा कि वह कांग्रेसी हैं और मोदी के विचारों के घोर विरोधी है, लेकिन जो बात सबके हित में है, उसकी सराहना की जानी चाहिए|