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नई दिल्ली| विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा मंकीपॉक्स को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किए जाने और भारत में इसके चार मामले सामने आने के बाद रविवार को विशेषज्ञों ने कहा कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह कम संक्रामक है और इससे मौत की आशंका बेहद कम होती है|
विशेषज्ञों के अनुसार, मंकीपॉक्स को कड़ी निगरानी के जरिए प्रभावी रूप से रोका जा सकता है| संक्रमित व्यक्तियों को पृथक करके और उनके संपर्क में आए लोगों को अलग करके संक्रमण के प्रसार पर लगाम लगाई जा सकती है| साथ ही उन्होंने रेखांकित किया कि कमजोर रोग प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों की अधिक देखभाल करने की जरूरत है|
पुणे में स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर प्रज्ञा यादव ने कहा कि मंकीपॉक्स वायरस दोहरे डीएनए स्वरूप वाला वायरस है| जिसमें दो अलग-अलग आनुवंशिक स्वरूप होते हैं| इनमें से एक स्वरूप मध्य अफ्रीकी (कांगो बेसिन) है और एक पश्चिम अफ्रीकी है| उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘हाल में जिस प्रकोप ने कई देशों को प्रभावित कर चिंता में डाल दिया है, उसके पीछे पश्चिमी स्वरूप है, जिसे पहले सामने आए कांगो स्वरूप से कम गंभीर बताया जा रहा है|’ एनआईवी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के प्रमुख संस्थानों में से एक है|
‘मंकीपॉक्स कोई नया वायरस नहीं है’ महामारी विशेषज्ञ एवं संक्रामक रोग चिकित्सक डॉ. चंद्रकांत लहरिया ने कहा कि मंकीपॉक्स कोई नया वायरस नहीं है| उन्होंने कहा कि यह पांच दशकों से विश्व स्तर पर मौजूद है, और इसकी वायरल संरचना, संचरण और रोगजनकता के बारे में काफी जानकारी उपलब्ध है| उन्होंने कहा, ”वायरस के कारण ज्यादातर मामलों में हल्की बीमारी होती है| यह कम संक्रामक है और सार्स-कोव-2 (कोरोना वायरस) के विपरीत इस रोग की चपेट में आने वाले व्यक्तियों के संपर्क में रहा जा सकता है. सार्स-कोव-2 में सांस लेने में समस्या आती है और इसमें ऐसे लोगों की संख्या अधिक होती है, जिनमें लक्षण दिखाई नहीं देते हैं.
‘मंकीपॉक्स के प्रकोप से प्रभावी ढंग से निपटा जा सकता है’ लहरिया ने कहा, ”अब तक, बहुत से ऐसे कारण हैं, जिनके आधार यह माना जा सकता है कि मंकीपॉक्स के प्रकोप से प्रभावी ढंग से निपटा जा सकता है और रोगियों व उनके संपर्क में आए लोगों को पृथक करके तथा चेचक के मंजूरी प्राप्त टीकों के इस्तेमाल से इसपर लगाम लगाई जा सकती है|” उन्होंने कहा कि फिलहाल आम लोगों के टीकाकरण की सिफारिश नहीं की जानी चाहिए| विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शनिवार को मंकीपॉक्स को चिंजाजनक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया| डब्ल्यूएचओ ने कहा कि 70 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स का प्रसार होना ‘असाधारण’ परिस्थिति है|
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