राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर दिन पर दिन बिगड़ता जा रहा है जो दिल्ली सरकार के लिए चिंता का विषय बन रहा है| दिल्ली में इस बार नवंबर में पिछले 4 सालों की अपेक्षा सबसे अधिक प्रदूषण फैल रहा है| पीएम 2.5 का औसत बीते 4 वर्षों में सबसे अधिक है| इस बार और वर्षों से प्रदूषण स्तर 20 फ़ीसदी अधिक है| दिल्ली के लोग दिवाली के बाद सही प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं जिस कारण उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है| दिल्ली की हवा खराब होने के कारण वहां बीमार लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है| इस दौरान सिर्फ 1 दिन कैसा रहा होगा जब एक्यूआई 300 अंक से नीचे आया हो| बाकी समय वायु गुणवत्ता सूचकांक या तो बेहद खराब श्रेणी या गंभीर श्रेणी में रहा|
विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र में वायु गुणवत्ता एक विशेषज्ञ द्वारा बताया गया कि प्रदूषण स्तर बढ़ने के पीछे अन्य कारणों से अधिक इस बार समय पर बढ़ते प्रदूषण देवी रोकथाम के लिए सही कदम ना उठाना है| मानकों के अनुसार पीएम 2.5 का औसत स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होना चाहिए| लेकिन इस बार यह स्तर 246 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है| ऐसी हवा लोगों के लिए बहुत हानिकारक साबित हो सकती है|
दिल्ली में वायु प्रदूषण पढ़ने का सबसे बड़ा कारण – मानसून की देरी से लौटने के कारण कटाई देश से शुरू हुई जिस कारण कम समय में बहुत ज्यादा पराली चलाई गई जिस कारण प्रदूषण का स्तर भी अचानक बढ़ गया|