उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दल अपना कुनबा बढ़ाने में जुटे हैं पहले भाजपा ने दो निर्दलीय और कांग्रेस के विधायक को अपने पाले में किया जिसके जवाब में कांग्रेस ने अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा मौजूदा धामी सरकार में मंत्री यशपाल आर्य एवं उनके विधायक पुत्र की घर वापसी कराई|
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना था कि यशपाल की घर वापसी के समय उमेश शर्मा भी दिल्ली में उनके साथ थे पर बाद में वे वहां से चले गए बीते गुरुवार जब पत्रकारों ने उमेश से इस संदर्भ में सवाल किया तो उन्होंने कहा कि वे दिल्ली क्यों गए थे यह सिर्फ उन्हें और पार्टी हाईकमान को ज्ञात है यशपाल आर्य के कांग्रेस में वापसी के सवाल पर उन्होंने कहा कि यशपाल आर्य धामी मंत्रिमंडल में शपथ नहीं लेना चाहते थे परंतु गृह मंत्री अमित शाह के 14 से 15 बार फोन करने पर उन्होंने शपथ ली|
वही यशपाल आर्य ने भी कांग्रेस में शामिल होने के बाद अपना यमुना कॉलोनी स्थित सरकारी आवास भी खाली कर दिया है इसके साथ ही उन्होंने कैबिनेट मंत्री और विधायक पद से त्याग पत्र दे दिया है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस आर्य की घर वापसी के बाद 18 अक्टूबर को उनके स्वागत कार्यक्रम की तैयारी में जुटी है|
भले ही विधानसभा चुनाव अभी 3 महीने दूर हो लेकिन उत्तराखंड में जिस तरह राजनीतिक हलचल बढ़ रही है इससे इतना तो तय है कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड का राजनीतिक तापमान जरूर चढेगा|
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