
अल्मोड़ा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 7 दिवसीय प्राथमिक शिक्षा वर्ग का 10 जनवरी 2025 को भव्य समापन हुआ। 2 जनवरी से शुरू हुए इस शिविर में युवाओं ने न केवल अनुशासन और शारीरिक दक्षता सीखी, बल्कि राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरणा भी प्राप्त की।
समापन समारोह में वर्ग कार्यवाह भास्कर कांडपाल ने अपने संबोधन में कहा, “यह प्रशिक्षण शिविर युवाओं को राष्ट्र के प्रति समर्पण और समाज सुधार के कार्यों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करता है।” और उन्होंने स्वयंसेवकों से शताब्दी वर्ष के लक्ष्यों को पूरा करने की अपील की। कार्यक्रम जिला संघ चालक किशन गुरुरानी जी की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
वरिष्ठ स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन
इस प्रशिक्षण वर्ग में नंदन ज, गणेश , राजेंद्र , आशुतोष , वीरेन्द्र, और अन्य वरिष्ठ स्वयंसेवकों ने अपने मार्गदर्शन से प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया। सभी ने शिविर को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
संघ के शताब्दी वर्ष का संकल्प
शिविर के दौरान स्वयंसेवकों ने संघ के शताब्दी वर्ष के पंच परिवर्तन – सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, नागरिक कर्त्तव्य, कुटुंब प्रबोधन और स्वदेशी अपनाने के संकल्प लिए। इन संकल्पों को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने का आह्वान किया गया।
शिविर स्थल पर आयोजन की छवि बेमिसाल
कार्यक्रम स्थल की सजावट और आयोजन ने सभी का ध्यान खींचा। मां अंबे इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल साइंसेज के चेयरमैन ठा. संदीप कुमार को स्मृति चिन्ह देकर धन्यवाद दिया गया।
युवाओं में दिखा राष्ट्रसेवा का जुनून
शिविर के अंतिम दिन युवाओं का जोश और उत्साह देखते ही बनता था। उन्होंने देश के लिए समर्पण और सेवा के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। प्रतिभागियों ने कहा कि यह शिविर उनकी सोच और जीवन को बदलने वाला अनुभव था।
संघ का यह प्रशिक्षण शिविर न केवल एक कार्यक्रम बल्कि एक आंदोलन था, जिसने युवाओं के मन में राष्ट्र के प्रति प्रेम और जिम्मेदारी का दीप जलाया।
