अल्मोड़ा-: रेशम उत्पादन बना किसानों की आजीविका का बेहतर जरिया, 138 नए किसानों के लिए किया जा रहा भवनों का निर्माण

अल्मोड़ा जिले में अब किसान भवनों में रेशम उत्पादन कर सकेंगे, इसके लिए शहतूत की नर्सरी तैयार करने के बाद विभाग कीट पालन के लिए भवन तैयार कर रहा है| इसका लाभ किसानों को मिलेगा| रेशम विभाग 137 नए किसानों के लिए भवनों का निर्माण कर रहा है| पहले चरण में 200 किसानों के लिए भवन निर्माण कार्य किया जा चुका है|


बताते चले कि अल्मोड़ा के लमगड़ा, भैंसियाछाना, धौलादेवी, हवालबाग और स्याल्दे के करीब 260 किसान रेशम उत्पादन कर सालाना करीब 50 लाख रुपए की आय अर्जित कर रहे हैं| अब दूसरे चरण में इन विकासखंडों के 138 नए किसानों को रेशम उत्पादन से जोड़ा जा रहा है| जिसके लिए तैयारियां शुरू हो गई है|


जानकारी के अनुसार, शहतूत की नर्सरी तैयार हो गई है और विभाग कीट पालन के लिए भवनों का निर्माण कर रहा है| इसके बाद किसान इसमें रेशम उत्पादन कर सकेंगे| वर्ष 2022 में जिले के किसानों ने 8000 किलो रेशम का उत्पादन किया 650 रुपए प्रति किलो कोकून बेचकर किसानों ने 50 लाख रुपए से अधिक की आमदनी की| अब नए किसानों को जोड़कर साल 2025 तक 25000 किलो रेशम उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है|
रेशम उत्पादन किसानों की आजीविका का बेहतर जरिया बन रहा है|