
अल्मोड़ा। जिले में बढ़ते जल संकट से निजात पाने के लिए पुराने हैंडपंपों का इस्तेमाल किया जाएगा। बता दे कि अब सूखे हुए पुराने हैंडपंप इसके लिए कारगर साबित होंगे। खराब और बंद पड़े हैंडपंपों को डायरेक्ट इंजेक्ट से पुनर्जीवित करने में वैज्ञानियो ने सफलता अर्जित की है।
भारत सरकार पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिशन के तहत पौड़ी जनपद में इसका सफल प्रयोग भी किया जा चुका है और इस प्रयोग के दौरान लगभग दो दशक पुराने व बंद पड़े 13 हैंडपंपों को पुनर्जीवित किया गया है तथा जिले में जल संकट से निपटने के लिए पुराने बंद पड़े हैंडपंपों को पुनर्जीवित किया जाएगा। बता दे कि 3 सालों में जल विज्ञानियो ने कई स्तरों पर काम किया है और पर्वतीय जिलों में साल भर भू-जल जनित स्थितियों व जल विज्ञान को जानने के लिए सभी जल स्रोतों को सूचीबद्ध करना, उनका वितरण, जल भरण क्षमता आदि में गहन अध्ययन भी किया गया है। इस दौरान 120 से अधिक जल स्रोतों की रासायनिक तथा जैविक जांच भी की गई और विभिन्न क्षेत्रों में मृदा की जांच के साथ ग्रामीण स्तर पर वाटर यूजर ग्रुप का भी गठन किया गया और अब जिले में जल्द ही पुराने हैंडपंपों को भी इस्तेमाल में लाया जाएगा।
