
अल्मोड़ा में मेडिकल कॉलेज जो कि युवाओं को डॉक्टर बनाकर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए जाना जाता है आज वह खुद चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के आगे डॉक्टरों के लिए हाथ फैलाने के लिए मजबूर है। करोड़ों की लागत से बने मेडिकल कॉलेज में बॉन्डधारी चिकित्सकों के समाप्त होने के बाद स्वास्थ्य सुविधाएं दम तोड़ते हुए नजर आ रही हैं और अल्ट्रासाउंड पड़ने के कारण मरीज परेशान हैं।
सीएमओ कार्यालय से भी इसके लिए मांग की जा रही है। कॉलेज में एमबीबीएस प्रथम और द्वितीय वर्ष में कुल 200 छात्र डॉक्टरी की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं जबकि सितंबर से शुरू होने जा रहे तीसरे सत्र के बाद यहां कुल 300 बच्चे डॉक्टर बनने की कतार में खड़े होंगे और यदि सब कुछ अच्छे से चलता रहा तो 2026 को पहला बैच डॉक्टरी शिक्षा पूरी कर लेगा लेकिन फिलहाल खुद मेडिकल कॉलेज को चिकित्सकों की जरूरत है। यहां 12 बांडधारी सीनियर रेजिडेंट तैनात थे जिसमे से 7 चिकित्सकों की बांड अवधि पूरी हो चुकी है। रेडियोलॉजिस्ट के कॉलेज छोड़ने के कारण अल्ट्रासाउंड भी ठप पड़े हैं जिससे मरीजों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
