Almora- बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह बनाने वाले पहले युवा खिलाड़ी बने लक्ष्य

भारत के सबसे युवा बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने अपने शानदार प्रदर्शन से कई बार मेडल जीते हैं उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से ना सिर्फ अपना बल्कि भारत और अल्मोड़ा का नाम भी रोशन किया है। लक्ष्य सेन के पिता भी खेल जगत से ही जुड़े हुए हैं लक्ष्य सेन के पिता डीके सेन एक राष्ट्रीय कोच है। लक्ष्य सेन ने महज 20 वर्ष की उम्र में इतिहास रच डाला है। तथा बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह बनाने वाले लक्ष्य सबसे युवा भारतीय बन चुके हैं। पिछले मैच के दौरान क्वार्टरफाइनल में लक्ष्य ने चीन के खिलाड़ी जुन पेंग झाओ को हराया झाओ को लक्ष्य ने 21-15 15- 21 22- 20 से मात दी।

तथा अब आगे का मैच लक्ष्य सेन और किदांबी श्रीकांत जो कि भारत के खिलाड़ी हैं तथा उन्होंने भी लक्ष्य सेन से पहले सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई थी दोनों के बीच आज यानी कि 18 दिसंबर 2021 को शनिवार के दिन खेला जाएगा। और इसी के साथ भारत के लिए दो मेडल भी पक्के हो चुके हैं। तथा इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले लक्ष्य सेन भारत के चौथे युवा खिलाड़ी हैं। तथा देखना यह है कि सेमीफाइनल में कौन अपने शानदार प्रदर्शन से जीत हासिल करता है लक्ष्य सेन या फिर श्रीकांत।