
उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अल्मोड़ा श्रीकांत पाण्डेय के मार्गदर्शन में शचि शर्मा सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अल्मोड़ा के आदेशानुसार दिनांक 17/05/2025 से 18/05/2025 तक दो दिवसीय जागरुकता अभियान ” बाल-श्रम मुक्त- उत्तराखण्ड ” अभियान के अनुक्रम में दिनांक 17/05/2025 को अधिकार मित्र नीता कड़ाकोटी व दीपा पांडे द्वारा राजकीय इंटर कॉलेज हवालबाग में विधिक जागरुकता शिविर व नुक्कड नाटक/ जागरूकता रैली आयोजित किया गया शिविर का आरम्भ नालसा थीम गीत (“एक मुठ्ठी आसमान”) चलाकर किया गया व शिविर में उपस्थित स्कूल के प्रधानाचार्य डॉ कपिल नयाल,सभी अध्यापकगढ़ व विद्यार्थियों को भारत के संविधान में यह व्यवस्था की गयी है कि 14 वर्ष तक के बच्चो को किसी खान, खनिज या किसी ऐसे संकट वाले कार्य में नहीं लगाया जाएगा जो उनकी उम्र व सुकुमार अवस्था के विरूद्ध हो, बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम 1986, 14 वर्ष से 18 वर्ष के बीच की उम्र के किशोर या किशोरियों कुछ ऐसे कार्य जो केन्द्र सरकार समय-समय पर विनिर्दिष्ट करें जैसे सान, खनिज, सड़क कटिंग, एयरपोर्ट, बिजली कार्य, हथियार कारखाने, गोला बारूद व पटाखे बनाने वाले जैसे कारखानों नियोजित नहीं किये जाएंगे, 14 वर्ष से 18 वर्ष तक के किशोर या किशोरियों कानूनी रूप से जिन सुसंगत कार्यों मे नियोजित किये जा सकते है उनमें भी ऐसे किशोर या किशोरियों से अधिकतम 6 घंटी से अधिक कार्य नहीं कराया जा सकता है उक्त 8 घंटे की अवधी के दौरान बीच में एक घंटे का आराम (विश्राम) भी शामिल है। चाईल्ड हेल्प लाईन नं.1098 या राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के टोल फ्री नं. 15100,पुलिस हेल्प लाईन नं. 112 , अनुच्छेद 21 (क), 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए भिक्षा के अधिकार को मूल अधिकार के रूप में प्रावधानित करता है।अनुच्छेद 51 (क) के तहत प्रत्येक माता-पिता व अभिभावक का यह दायित्व है कि यह अपने 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को अनिवार्य रूप से शिक्षा प्रदान करायें। बाल-श्रम मुक्त उत्तराखंड से संबंधित पम्फलेट भी वितरित किए गए।शिविर का समापन नालसा थीम गीत (“एक मुठ्ठी आसमान”) चलाकर किया गया।
