अल्मोड़ा -: 38 साल बाद मिला शहीद चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर, आज सैन्य सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

देहरादून| 38 साल पहले सियाचिन में शहीद हुए उत्तराखंड के निवासी लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर आज हल्द्वानी पहुंचेगा| एसडीएम मनीष कुमार सिंह ने कहा कि प्रशासन सेना और उनके परिवार के लगातार संपर्क में है| उनके परिवार के हल्द्वानी स्थित आवास में जाकर परिजनों से बात की गई है और ढाढस बंधाया गया|
शहीद के परिजनों का कहना है कि उन्हें सेना की ओर से जानकारी दी गई है कि आज तिकोनिया स्थित आर्मी कैंट एरिया में पार्थिव शरीर पहुंचेगा| इसके बाद पार्थिव शरीर घर लाया जाएगा फिर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा|
बताते चलें कि मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट की हाथीगुर बिंता निवासी चंद्रशेखर हर्बोला 19 कुमाऊं रेजीमेंट में लांसनायक थे| वह 1975 में सेना में भर्ती हुए थे| 1984 में भारत और पाकिस्तान के बीच सियाचिन के लिए झड़प हो गई थी| भारत ने इस मिशन का नाम ऑपरेशन मेघदूत रखा था| भारत की ओर से मई 1984 में सियाचिन में पेट्रोलिंग के लिए 20 सैनिकों की टुकड़ी भेजी गई| जिसमें लांसनायक चंद्रशेखर भी शामिल थे| सभी सैनिक सियाचिन ग्लेशियर टूटने की वजह से उसकी चपेट में आ गए| जिसके बाद किसी भी सैनिक के बचने की उम्मीद नहीं रही| भारत सरकार और सेना की ओर से सैनिकों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया| जिसमें 15 सैनिकों के पार्थिव शरीर मिल गए थे लेकिन पांच सैनिकों का पता नहीं चल सका|