Uttarakhand -: एंबुलेंस के किराए के नाम पर मरीजों से हो रही लूट पर लगेगी पाबंदी, स्वास्थ्य विभाग का बड़ा फैसला

देहरादून| राज्य में अब एंबुलेंस के किराए के नाम पर मरीजों से जो लूट होती थी उस पर पाबंदी लगाई जाएगी| सरकारी एवं प्राइवेट एंबुलेंस के लिए सरकार किराए की समान दर तय करने जा रही है| स्वास्थ्य मंत्री रावत ने अधिकारियों को इस संदर्भ में निर्देश दिए हैं| इस संबंध में की गई बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि कई मरीज एंबुलेंस के नाम पर लूट की शिकायत करते हैं| उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि एंबुलेंस का किराया तय कर इसमें एकरूपता लाई जाए| विदित है कि इमरजेंसी के समय सरकारी अस्पतालों में कई बार एंबुलेंस नहीं मिल पाती ऐसे में लोगों को प्राइवेट एंबुलेंस लेनी पड़ती है लेकिन इसका किराया मनमाना होता है| कोविड-19 काल में कई जिलाधिकारियों ने एंबुलेंस के रेट तय भी किए थे| लेकिन उसमें भी एकरूपता नहीं है| कही 15 रुपये तो कहीं 20 रुपये का रेट प्रति किमी का रेट तय किया गया है| जबकि कई ऐसे जिले हैं जहां रेट तय नहीं है| इसके बाद अब स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर एक समान रेट तैयार करने का निर्णय लिया है| इस संदर्भ में जल्द स्वास्थ्य महानिदेशालय की ओर से प्रस्ताव तैयार किया जाएगा| प्राइवेट अस्पताल ही नहीं बल्कि सरकारी अस्पतालों में भी किराए की एक समान व्यवस्था नहीं है एक अस्पताल में दूसरे सरकारी अस्पताल में मरीजों को रेफर करने पर लोगों से ओपीडी पर्चे के आधार पर शुल्क लिया जाता है| जो अलग-अलग है ऐसे में स्वास्थ्य मंत्री ने इसमें भी एकरूपता लाने के निर्देश दिए हैं| पहाड़ और मैदान के आधार पर प्रति किमी अलग-अलग दर तय करने को कहा गया है|