उत्तराखंड के शिक्षकों का होगा नई दिल्ली में होगा सम्मान

उत्तराखंड लोक भाषा साहित्य मंच – दिल्ली के द्वारा 7 सितंबर को लोक भाषा कुमाउनी, गढ़वाली के संरक्षण में सहयोगी शिक्षकों को मंच द्वारा “शिक्षक सम्मान-2025 ” से सम्मानित किया जाएगा। इस मंच के सहयोग से पूर्व में बच्चों को पैन,कॉपी,बैग व पहचान पत्र प्रदान किये गये थे। इन कक्षाओं की शुरुआत 7 केन्द्रों में 18 अप्रैल से 20 जून के मध्य व इन कक्षाओं का संचालन रविवार या अवकाश के दिनों में किया गया। जिसमें अपनी मातृभाषा को संरक्षण प्रदान किये जाने के उद्देश्य से बच्चों को गढ़वाली व कुमाउनी भाषा में अपना परिचय, कुमाउनी, गढ़वाली वंदना, पराथना, रिश्ते -नाते, उत्तराखंड के पर्यटक स्थल, प्रमुख व्यक्तित्व, प्रसिद्ध लोकगायक व लोकगीतों, उत्तराखंड सामान्य ज्ञान पर बच्चों को मातृभाषा में लेखन,पठन,वाचन का अभ्यास कराया गया। उत्तराखंड लोक भाषा साहित्य मंच के संरक्षक विनोद बछेती ,संयोजक दिनेश ध्यानी, दयाल नेगी, रमेश हितैषी, रेखा चौहान द्वारा मातृभाषा कक्षा के सफल संचालन में सहयोग प्रदान किया गया। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में कुमाउनी,गढ़वाली भाषा शिक्षण केन्द्र सी.आर.सी.- बासोट में कृपाल सिंह शीला व मोहनचन्द्र गड़ाकोटी व जनता इ.का.- बाजन केन्द्र में प्रकाश पन्त ,प्रभा बिष्ट व शीश प्रकाश व दुभड़ा केन्द्र पर त्रिभुवन सिंह जलाल, व रा.प्रा.वि.-बसर (द्वाराहाट) में गिरीश चन्द्र मठपाल , केन्द्र सुतेड़ा (चंपावत) से तुलसी भट्ट,जगदीश सिंह तड़ागी,सहदेव पुनेठा, मान सिंह बिष्ट, हेमा बिष्ट व केन्द्र पऊ (चंपावत) में ललित मोहन तिवारी, पुष्कर नाथ गोस्वामी जी द्वारा मातृभाषा कुमाउनी, गढ़वाली शिक्षण में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान किया गया। इन सभी मातृभाषा शिक्षण में सहयोगी रहे शिक्षकों का उत्तराखंड लोक – भाषा मंच- दिल्ली द्वारा 7 सितंबर, 2025 को स्पीकर हाल कंस्टीट्यूशशल क्लब रफी मार्ग नई दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा। यह जानकारी कुमाउनी गढ़वाली मातृभाषा शिक्षण के स्थानीय संयोजक कृपाल सिंह शीला द्वारा दी गयी।