
रिपोर्टर – कुर्माचंल अखबार -नेहा भण्डारी
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जहां एक ओर ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत का चुनाव आम जनता के द्वारा होना हैं, वर्तमान में सभी ग्रामीण क्षेत्रों महिला वर्ग काफी शिक्षित एवं अपने अधिकारों के प्रति काफी सजग हैं। महिलाओं की प्रत्येक क्षेत्र में बढती सहभागिता ग्राम पंचायत के त्रिस्तरीय चुनाव में छुटभैय्ये नेताओं के समीकरणों को गड़बडाने में काफी मददगार साबित होगी।
यहां पर यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि प्रलोभन के चक्कर में जो भी वोटर प्रत्याशी की जयजयकार और चार दिन के चुनावों को अपनी मौज – मस्ती करने पर उतारु होते हैं ये चाटुकार अपने आसपास के वोटरों का कथित तौर पर जो ठेका लेते हैं। मेरे पास इतने वोटर हैं प्रत्याशी से पैसा ऐंठा करते हैं। शिक्षित महिला वर्ग अब उनको भी सबक सिखाने के मूड में हैं। आयेदिन महिलाओं में इस विषय में चर्चायें भी हुआ करती हैं।
आज महिलायें अपने स्वतंत्र मताधिकार के जरिये इन बिचौलियों को स्पष्ट सन्देश देना चाहती हैं कि हम किसी से कम नहीं। यह बात त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार चाटुकारों के समीकरणों सम्भावित तौर पर जोरदार झटका देने में कामयाब हो सकती है।
