
बागेश्वर – जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बागेश्वर के डीएलएड प्रशिक्षुओं ने प्राचार्य डॉ डीसी सती के निर्देशन पर देवकी लघु वाटिका मंडलसेरा में मूंगा रेशम की खेती के साथ औषधीय पादपों की सविस्तार जानकारी प्राप्त करते हुए पर्यावरण संरक्षण में पेड़ -पादपों,सगंधी पौधौ, एवं नाना प्रकार की जड़ी-बूटियों उपयोगिता के महत्व को समझते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण के तहत यहां के नवयुवकों की पलायन व रोजगार की समस्या काफी हद तक सुधर व रुक सकती है जिसके लिए हमें अपने आसपास ऐसी प्रजातियों को संरक्षित करना होगा तथा उसे रोजगार के रुप में अपनाना होगा। वृक्ष प्रेमी किशन मलड़ा द्वारा मूंगा इस अवसर पर उन्हें रेशम रोजमैरी, मीठा नीम, कासिनी, चंदन, ड्रैगन फ्रूट, परिजात आदि के पौधे भेंट किये गए।
वाटिका भ्रमण उपरांत राष्ट्रीय कुमांउनी पुस्तकालय में पर्यावरण संरक्षण के साथ ही अपनी बोली भाषा संस्कृति को सदा प्रमुखता से अपनाने, जल संरक्षण, वन्य जीवों, वनों को आग से बचाने पर चर्चा हुई। जहाँ डॉ केएस रावत, डॉ संदीप जोशी, डॉ भैरव दत्त पांडेय, डॉ रवि कुमार जोशी, डॉ भुवन चंद्र पांडेय, डॉ हरीश चंद्र जोशी सहित सभी प्रशिक्षु मौजूद थे। प्रशिक्षुओं को वाटिका की संरक्षक देवकी देवी द्वारा पौध पुष्प गुच्छ भेंट करते हुए प्राचार्य डॉ सती को सम्मानित किया गया। इस कार्य में रमा, मनीषा, प्रिया, मुस्कान, प्रकृति, ममता आदि ने सहयोग प्रदान किया ।
