वर्तमान में देश और दुनिया कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन व से जूझ रही है ऐसे में सभी देशों के लोगों को यह चिंता सता रही हैं, कि आगे चलकर यह वायरल और कितना हानिकारक होगा क्योंकि यह वायरस औरों की तुलना में ज्यादा तेजी से फैल रहा है और ऐसे में देहरादून के वायरोलाजी लैब में की गई जिनोम सीक्वेंसिंग के दौरान 98% के डेल्टा के उपवंश के सामने आए हैं। यानी कि ओमीक्रोन के साथ-साथ डेल्टा भी अब चुनौती दे रहा है। हालांकि वह बात अलग है कि डेल्टा के एवाई – 4 और एवाई- 12 सहित अन्य उपवंश उतने अधिक घातक नहीं है मगर फिर भी यह तथ्य काफी चिंताजनक है।
दून के मेडिकल कॉलेज में की गई कि जीनोम सीक्वेंसिंग में यहां 483 सैंपल आए हैं जिनमें से 8 ओमिक्रोन वेरिएंट और 316 डेल्टा के अलग-अलग उपवंश के मिले हैं। इसका मतलब साफ है कि अभी भी संक्रमण के दौर में अधिकतर मामले डेल्टा के सामने आ रहे हैं। इस संबंध में दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना का कहना है कि लोग संक्रमण से बेपरवाह हो गए हैं और न शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं ना मास्क पहन रहे लोगों द्वारा कोविड संबंधी गाइडलाइन का पालन ना करने के कारण स्थितियां फिर खराब हो सकती हैं इसलिए इस महामारी के दौर में लोग कोविड संबंधित गाइडलाइन का पालन करें।