उत्तराखंड राज्य में जल्द ही मानसून दस्तक देने जा रहा है और ऐसे में अब मानसून के दौरान आपदाओं से निपटने के लिए भी शासन प्रशासन स्तर पर जोरों शोरों से तैयारी चल रही है। बता दे कि मानसून में बांध परियोजनाओं पर हुई बैठक में सचिव आपदा प्रबंधन द्वारा जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
बांधों की व्यवस्था को परखने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा और उस दौरान देखा जाएगा कि सेंसर और सायरन सही काम कर रहे हैं या नहीं। साथ ही जो एसओपी परियोजनाओं की ओर से बनाई गई है आपातकालीन स्थिति में वह धरातल पर कितनी उपयोगी साबित हो रही है। यह भी परखा जाएगा। इसके अलावा सचिव आपदा प्रबंधन डॉक्टर सिन्हा द्वारा धौलीगंगा बांध परियोजना के प्रतिनिधियों से धारचूला में 360 डिग्री का 5 किलोमीटर तक की रेंज वाला सायरन लगाने के निर्देश दिए गए हैं। उनका कहना था कि धारचूला मुख्य केंद्र है और यहां रहने वाले लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यहां पर सुरक्षा व्यवस्था बनाना जरूरी है। वर्तमान में बांध प्रबंधन द्वारा फोन पर नदी का जलस्तर बढ़ने की सूचना दी जाती है जो सायरन धौली गंगा बांध परियोजना ने लगाया है वह धारचूला से काफी दूर है और शहर तक उसकी आवाज नहीं पहुंचती इसलिए वहां पर 360 डिग्री का 5 किलोमीटर तक की रेंज वाला सायरन लगाने के निर्देश दिए गए हैं।