उत्तराखंड राज्य में स्थित विश्व प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए आगामी 12 मई को सुबह 6:00 बजे विधि विधान से खोले जाएंगे। भगवान बद्रीनाथ के अभिषेक के लिए जो तिल का तेल उपयोग में लाया जाता है वह 25 अप्रैल को नरेंद्र नगर राज दरबार में पिरोया जाएगा और यह तेल गाडू घड़ा में डाला जाएगा।
इसके बाद नरेंद्र नगर राज दरबार से कलश यात्रा रवाना होगी और ऋषिकेश पहुंच जाएगी तथा 12 में को सुबह 6:00 बजे बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे। बता दे कि यह कार्यक्रम श्री बद्रीश डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी द्वारा जारी किया गया है। उनके अनुसार 25 अप्रैल को धार्मिक परंपराओं के साथ नरेंद्र नगर में महारानी माला राज्य लक्ष्मी शाह और सुहागिनों की ओर से तिल का तेल पिरोकर पवित्र गांडू घड़ा में डाला जाएगा और उसी दिन कलश यात्रा का शुभारंभ होगा। इसके बाद विभिन्न पड़ावों को पार करते हुए यात्रा 28 अप्रैल को डिम्मर गांव पहुंचेगी तथा 8 मई को यात्रा सिमली कर्णप्रयाग होते हुए पाखी गांव पहुंचेगी और 9 को नरसिंह मंदिर जोशीमठ तथा 10 को आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी बद्रीनाथ के रावल धर्माधिकारी व वेद पठियों के साथ रात्रि प्रवास के लिए योग ध्यान मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचेगी 12 अप्रैल को विधि विधान के साथ कपाट खोल दिए जाएंगे।