माना जा रहा है कि ओमिक्राॅन के कारण देश में कोरोना की तीसरी लहर जनवरी में शुरू हो सकती है| जिस प्रकार देश में ओमिक्राॅन के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, उसे देखकर यह अनुमान लगाया जा रहा है| इसको देखते हुए केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना से जुड़े स्वास्थ्य ढांचे को फुलप्रूफ बनाने की कोशिश में जुट गया है| हालांकि ओमिक्राॅन के कम घातक होने के कारण मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की उम्मीद कम है|
ओमिक्राॅन की निगरानी करने वाले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जिस प्रकार 3 हफ्तों के भीतर कोरोना का नया स्वरूप अफ्रीका और यूरोप में हावी हो गया है, उससे भारत में भी जनवरी तक इसके बढ़ने की आशंका है जिसके चलते तीसरी लहर आ सकती है|
भारत में अभी ओमिक्राॅन मरीजों की संख्या 73 है| भारत में मिले ओमिक्राॅन के मामले विदेशों से आए हुए हैं फिर भी इससे आम लोगों में फैलने की संभावना बनी हुई है|
कोरोना की तीसरी लहर के बीच राहत की बात यह है कि, ओमिक्राॅन से होने वाला संक्रमण हल्का है| वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, देश में 3 साल की बच्ची से लेकर 77 साल के बुजुर्ग व्यक्ति तक ओमिक्राॅन की चपेट में आ चुके हैं, लेकिन किसी में भी गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिले हैं| इनको कोरोना वर्ल्ड में सिर्फ आइसोलेट के लिए रखा गया था| अगर आगे भी यही ट्रेंड रहा तो दूसरी लहर की तरह मरीजों को न तो अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता होगी और न ही ऑक्सीजन और अन्य दवाओं की कमी होगी|
इसके बावजूद भी स्वास्थ्य मंत्रालय अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं देखना चाहता और हमें भी और प्रयास करना चाहिए कि हम तीसरी लहर को आने से रोक सकें| इसके लिए हमें कोरोना गाइडलाइन का पूर्ण रुप से पालन करना होगा| इससे हम अपनी सुरक्षा के साथ-साथ पूरे देश की भी सुरक्षा कर सकते हैं| और तीसरी लहर को आने से भी रोका जा सकता है|