
उत्तराखंड राज्य में राज्य सरकार द्वारा चलाई गई योजना बिल लाओ इनाम पाओ दोहरे लाभ का सौदा साबित हो रही है। बता दें कि इसमें भाग लेने वाले नागरिकों को हर माह 1500 रुपए नाम के तौर पर बांटे जा रहे हैं उनके लकी ड्रा के लिए जमा कराए जा रहे बिलों के आधार पर राज्य कर विभाग को कर चोरों की चौखट तक पहुंचने में काफी मदद मिल रही है। हर महीने काफी संख्या में प्राप्त होने वाले बिलों के आधार पर एसजीएसटी विभाग द्वारा यह पता लगाया जा रहा है कि संबंधित प्रतिष्ठान कर जमा कर रहे हैं या फिर नहीं। ऐसे में बिलों के प्रशिक्षण में राज्य कर विभाग को पता चला कि देहरादून, हरिद्वार ,रुद्रपुर और हल्द्वानी के 18 फर्म कर अपंचना कर रहे हैं और ऐसे में करोड़ों की कर चोरी भी पकड़ी गई।
इस तरह से सरकार की यह योजना दोहरे लाभ का सौदा साबित हो रही है। बता दें कि कुछ फर्म में करोड़ों से अधिक की कर चोरी पकड़ी गई और ग्राहकों के माध्यम से विभाग तक इन फर्मो के बिल तक पहुंच गए लेकिन उनके कार्य व रिटर्न का पता नहीं चल पा रहा था। छानबीन करने पर पता चला कि कुछ फार्मो का जीएसटी पंजीकरण दो-तीन साल पहले निरस्त हो चुका है या यह फर्म दाखिल रिटर्न में बिक्री को प्रदर्शित नहीं कर रहे थे। फर्मो की ओर से की जा रही कर चोरी स्पष्ट होने के बाद विभाग की ओर से इन पर छापेमारी की गई जिसमें से देहरादून, हरिद्वार और रुद्रपुर व हल्द्वानी के कई प्रतिष्ठान पाए गए तब पता चला कि कर चोरी करते हुए करोड़ों की धोखाधड़ी की गई है।