वर्तमान समय में बच्चे हाथों में किताबों से ज्यादा फोन पकड़ रहे हैं।लॉकडाउन के बाद बच्चों को फोन की लत सी लग गई है और काफी कम उम्र में ही बच्चों की आंखों पर चश्मा नजर आ रहा है। मोबाइल का प्रभाव आंखों पर प्रतिकूल रूप से पड़ रहा है।
इस बात की पुष्टि केंद्रीय विद्यालय उत्तरकाशी में आयोजित निशुल्क नेत्र जांच शिविर में हुई है। बता दे कि अनिल आई केयर एंड ऑप्टिकल जोशीयाड़ा की ओर से नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया गया था इसमें 800 छात्र-छात्राओं की जांच की गई जिसमें से 206 छात्र-छात्राओं में नेत्र से संबंधित दिक्कतें पाई गई हैं। शिविर में विशेषज्ञ अनिल सिंह द्वारा कहा गया की 13 से 15 वर्ष तक के बच्चों के चश्मे का नंबर हर 6 महीने बाद बदल रहा है और कोविड के बाद काफी तेजी से यह बदलाव हो रहा है क्योंकि लॉकडाउन में बच्चों को मोबाइल की आदत लग गई थी और अब यह आदत लगातार बढ़ रही है। बच्चों की आंखों के लिए मोबाइल बेहद ही घातक साबित हो रहा है और नेत्र संबंधित परेशानियों का सामना भी बच्चों को करना पड़ रहा है इसके साथ ही उन्होंने अभिभावकों से कहा कि अभिभावक इस ओर ध्यान दें तथा बच्चों की लत को नजरअंदाज ना करें।