मार्गशीर्ष मास, शुक्ल पक्ष, षष्ठी,
घनिष्ठा नक्षत्र, सूर्य दक्षिणायन,
हेमन्त ऋतु, युगाब्द ५१२३,
विक्रम संवत-२०७८,
गुरुवार, 09 दिसम्बर 2021.
प्रभात दर्शन –
चिता चिंता समाप्रोक्ता
बिंदुमात्रं विशेषता,
सजीवं दहते चिंता
निर्जीवं दहते चिता।।
भावार्थः- चिता और चिन्ता, ये दोनों एक समान कही गयी हैं, किन्तु उसमें भी चिन्ता में एक बिंदु की विशेषता है; क्योंकि चिता तो मृत व्यक्ति को ही जलाती है, किन्तु व्यर्थ चिन्ता जीवित व्यक्ति को मार देती है। अतः सहज रहें, प्रसन्न रहें, स्थिर रहें|
आज का दिन आप सभी के लिए अच्छा हो, आनंदमय हो, मंगलमय हो|