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देहरादून| शिक्षा विभाग ने नैनीताल जिले के 2 विद्यालयों को पहले वित्त सहित अनुदान दिया लेकिन दो साल बाद दोनों ही विद्यालयों के अनुदान को रद्द कर दिया| बाद में केवल एक स्कूल को अनुदान दिया और दूसरे को वंचित रखा| इसके बाद यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा जहां से सरकार को झटका लगा है|
हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब न सिर्फ वंचित स्कूल को विभाग ने वित्त रहित अनुदान सूची में शामिल कर दिया बल्कि बकाया अनुदान के रूप में 2 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि देनी पड़ रही है|
दरअसल, नैनीताल जिले के मानवता उच्च प्राथमिक विद्यालय गांधीनगर बिंदुखत्ता और इसी जिले के पूर्व माध्यमिक विद्यालय चित्रकूट तिवारीनगर बिंदुखत्ता को विभाग ने वर्ष 2014 में वित्त सहित पूर्ण अनुदान दिए जाने की सूची में शामिल किया, लेकिन 2 साल बाद वर्ष 2016 में दोनों स्कूलों के अनुदान पर रोक लगा दी गई| स्कूलों को वित्त सहित पूर्ण अनुदान पर रोक लगाने के बाद दोनों स्कूलों को प्रोत्साहन राशि के रूप में टोकन मनी दी गई, लेकिन वर्ष 2017 में पूर्व माध्यमिक चित्रकूट तिवारीनगर बिंदुखत्ता को फिर से पूर्ण अनुदान में ले लिया गया, जबकि दूसरे विद्यालय को इससे वंचित रखा गया|
इसके बाद नाराज स्कूल प्रबंधक ने मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी कि समान स्थिति के बावजूद एक स्कूल को वित्त सहित अनुदान दिया गया, जबकि उसे इससे वंचित रखा गया|
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में कोर्ट के फैसले के बाद उस पर अमल न होने पर अब कोर्ट की अवमानना का मामला सामने आया है| जिस पर विभाग की ओर से न सिर्फ संबंधित स्कूल को वित्त सहित अनुदान दे दिया गया है, बल्कि अनुदान के बकाया भुगतान के रूप में 2 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि भी दिए जाने की तैयारी है|
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