
उत्तराखंड राज्य के नैनीताल स्थित हाईकोर्ट में वन भूमि पर बनी मस्जिद और मजार को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की गई। बता दे कि हाईकोर्ट ने वन भूमि में बनी मजार और मस्जिद आदि को तोड़े जाने से पहले उनका सर्वे किए जाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की और मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी की खंडपीठ ने सर्वे की मांग करती तथा देहरादून के विकास नगर सहित कालाढूंगी जसपुर में मजार को नोटिस देने की चुनौती देती इन याचिकाओं को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में दायर की गई याचिकाओं को खारिज कर दिया है। याचिका में कहा गया था कि राज्य में वल्फ संपत्ति का सर्वे नहीं किया गया है और सरकार ने 1000 से अधिक मजार व मस्जिद तोड़ दी है इस पर रोक लगाई जाए और तोड़ी गई मजारों को फिर से स्थापित करने के लिए सरकार को निर्देश दिए जाए। सरकार की ओर से मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने कोर्ट को बताया कि इन मजारों को वन भूमि पर अतिक्रमण कर बनाया गया है। याचिकाकर्ताओं के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
