
उत्तराखंड राज्य में बोर्ड परीक्षा के दौरान इंटरमीडिएट में टॉप करने वाली तनु की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। तनु के पिता किसान है और उन्होंने तनु के जन्म से ही निर्णय लिया था कि वह अपनी बेटी को अच्छी परवरिश देंगे। लड़के की चाहत ना करते हुए उन्होंने अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत की और उनके बदले तनु ने भी अपने पिता का नाम रोशन करने के लिए पूरे लगन और मेहनत से प्रयास किया। तनु ने पढ़ाई के लिए 12 किलोमीटर साइकिल भी चलाई। तनु चौहान अपने गांव देवीपुरा से रोजाना महुआडाबरा अपने स्कूल आती थी। अपनी पढ़ाई के लिए 12 किलोमीटर साइकिल से अपने स्कूल और ट्यूशन जाती थी उनके पिता किसानी कर तनु के लिए किताबें खरीदते थे। तनु ने हाई स्कूल में मेरिट लिस्ट में दूसरा स्थान हासिल किया था और इंटरमीडिएट में इस बार तनु ने पूरे प्रदेश को टॉप किया है। तनु का कहना है कि वह आईएस बनकर माता- पिता के नाम को रोशन करना चाहती है और इसके अलावा तनु को बागवानी का भी काफी शौक है वह प्रकृति प्रेमी है। तनु ने अपनी समस्याओं से लड़ते हुए संघर्षों के साथ सफलता हासिल की है। यहां तक कि एंड्रॉयड फोन ना होने के कारण तनु सोशल मीडिया से भी काफी दूर है और वह किताबों पर ही ज्यादा भरोसा करती है।
