अब उत्तराखंड में ई-रिक्शा चलाने के लिए दिव्यांगों को आसानी से मिल सकेगा लाइसेंस, मंत्रालय ने दिए यह निर्देश

उत्तराखंड में दिव्यांग व्यक्ति अपनी आजीविका चलाने के लिए अब ई-रिक्शा चला सकेंगे| इस संबंध में परिवहन मंत्रालय ने परिवहन सचिव को पत्र भेजा है|


इसके मुताबिक दिव्यांगों के पैमानों में उदारता बरतते हुए ई-रिक्शा का ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाएगा| अगर किसी व्यक्ति बायीं या दायीं टांग से आंशिक या पूरी तरह दिव्यांग है, दोनों टांगों से भी आंशिक या पूरी तरह से दिव्यांग होने पर, बाएं और दाये हाथ से दिव्यांग हों, कद में छोटा या रीढ़ की दिव्यांगता हो तो उसे परिवहन विभाग की ओर से ई-रिक्शा चालक के तौर पर लाइसेंस जारी किया जा सकता है| अगर उसके हाथ आंशिक या पूरी तरह से दिव्यांग होते हैं तो उसे रिक्शा का लाइसेंस जारी नहीं किया जा सकेगा| शरीर के ऊपरी हिस्से के एक अंग और निचले हिस्से के एक अंग में दिव्यांगता होने पर भी परिवहन विभाग लाइसेंस जारी करने पर विचार कर सकता है| जिसके जरिए 10 दिन का प्रशिक्षण जरूरी होगा और उस व्यक्ति की दृष्टि, मांसपेशियों की मजबूती आदि की जांच कराई जा सकती है|
परिवहन विभाग के अनुसार, मंत्रालय ने दिव्यांगों को ई-रिक्शा का लाइसेंस देने में उदारता बरतने के निर्देश दिए हैं| जिसके तहत परिवहन विभाग जहां तक संभव होगा उस हिसाब से लाइसेंस जारी करेगा|


बता दें यह बदलाव विभाग ने दिव्यांगों को आजीविका चलाने, अपने पैरों पर खड़े होने, समाज में उनकी उपस्थिति को मजबूत बनाने, आर्थिक गतिविधियों में उनके भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने के नजरिए से अपनाया है| साथ ही मंत्रालय ने निर्देश दिए हैं कि परिवहन विभाग में दफ्तरों में आने वाले दिव्यांगों को विशेष सुविधा दी जाएं|