शोध में खुलासा -: जोशीमठ और भटवाड़ी में चमोली और उत्तरकाशी की तरह भूकंप आने पर 20 से 21 मीटर तक खिसक सकती है जमीन

अगर जोशीमठ और भटवाड़ी में चमोली और उत्तरकाशी की तरह भूकंप आता है तो वहां की जमीन 20 से 21 मीटर तक खिसक सकती है| दून विश्वविद्यालय के भूगर्भ शास्त्र विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ विपिन कुमार की ओर से किए गए शोध में यह खुलासा हुआ है|


डॉ विपिन कुमार के अनुसार, चमोली में 1999 और उत्तरकाशी में 1991 में तबाही मचाने वाले भूकंप आए थे| चमोली में आया भूकंप जोशीमठ से सिर्फ 26 किलोमीटर दूर और उत्तरकाशी में आया भूकंप भटवाड़ी से करीब 20 से 30 किलोमीटर दूर था|
दरअसल, पिछले दिनों जोशीमठ में दरारें आने के बाद उन्होंने इस शोध को शुरू किया था| यह शोध यूरोपियन जिओ साइन यूनियन के जनरल नेचुरल हजार्ड्स एंड अर्थ सिस्टम साइंसेज में अप्रैल 2023 में प्रकाशित हो चुका है|


जोशीमठ और भटवाड़ी मेन सेंट्रल थ्रस्ट (एमसीटी) वाले एरिया में बसा हुआ है, यह एक फॉल्ट है| जहां पर भूकंप आने की संभावना अधिक रहती है| शोध में जोशीमठ के लिए चमोली में 1999 में आए भूकंप का रिफरेंस और भटवाड़ी के लिए उत्तरकाशी में आई भूकंप का रिफरेंस दिया गया है|
बता दें कि इस अध्ययन को डीएसपी प्रायोजित परियोजना की ओर से फंड दिया गया था, जिसे हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर यशपाल सुंदरियाल ने प्राप्त किया था|