देश में बंदरों को काटने को लेकर पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा बीते सोमवार को लोकसभा में जानकारी दी गई है। बंदरो के काटने से घायल हुए लोगों की संख्या के रिकॉर्ड को लेकर मंत्रालय का कहना है कि देश में बंदरों के काटने से घायल हुए लोगों की संख्या का कोई रिकॉर्ड नहीं है। बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद राजकुमार चाहर द्वारा विभिन्न राज्यों में बढ़ रहे बंदरों के खतरे को लेकर चिंता जताई गई थी। उन्होंने बंदरों के काटने से घायल हुए लोगों को अनुग्रह राशि की राशि पर स्पष्टीकरण मांगा। बीते सोमवार को लोकसभा में पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि देश में बंदरों के काटने से घायल हुए लोगों की संख्या का कोई भी रिकॉर्ड नहीं है इससे पहले भी इस मामले में लोकसभा को सूचित कर दिया गया था। 2015 में बंदर के काटने के 1900 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे और उस वर्ष हर दिन बंदर के काटने के कम से कम पांच मामले हर रोज सामने आए थे। मंत्रालय द्वारा कहा गया कि बंदरों के हमले से होने वाली मौतों और चोटों की संख्या का कोई रिकॉर्ड नहीं है। पत्र में यह स्पष्ट किया गया था कि केंद्र प्रायोजित योजना के तहत अनुग्रह राहत की प्रतिपूर्ति धन की उपलब्धता के अधीन बढ़ी हुई दरों के अनुसार की जा सकती हैं।।
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